(India)
भारतीय क्रिकेट टीम ने सोमवार को दिल्ली में वेस्टइंडीज पर सात विकेट से जीत दर्ज कर दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला 2-0 से अपने नाम की। इस जीत ने मेज़बान टीम के ताकतवर प्रदर्शन को और भी बल दिया, और यह शुभमन गिल की बतौर कप्तान पहली श्रृंखला जीत भी बानी।
121 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को सिर्फ 58 रनों की दरकार थी, जिसे केएल राहुल 108 गेंदों पर नाबाद 58 और ध्रुव जुरेल ने केवल 35.2 ओवर में नाबाद 6 पूरा कर लिया। राहुल ने छक्कों और चौकों के साथ अपनी आक्रामकता दिखाई और साईं सुदर्शन 39 के साथ दूसरे विकेट के लिए 79 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई।
हालांकि, यह मैच पांचवें दिन तक खिंचा, जहाँ वेस्टइंडीज के बल्लेबाज जॉन कैम्पबेल और शाई होप ने मेज़बान गेंदबाजों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध प्रदर्शित किया। इस खेल में पिच से स्पिनरों को कम सहायता मिली और परिणाम स्वरूप बल्लेबाजों के लिए खेलने की स्थिति आसान हो गई।
कुल मिलाकर, भारतीय गेंदबाजों ने दोनों टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज के सभी 40 विकेट चटकाए। साथ ही, भारतीय बल्लेबाजों ने दो मैचों में पांच शतक बनाए और शीर्ष छह में लगभग 90 रन बनाते हुए टीम की मजबूती का प्रदर्शन किया।
हालांकि, वेस्टइंडीज के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का टेस्ट औसत 35 से कम है, जिससे उनकी बैटिंग लाइन-अप की मजबूती पर सवाल उठता है।
भारत की असली परीक्षा अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होगी जहाँ चुनौतीपूर्ण पिचों का सामना करना होगा। अगर भारत कमजोर कैरेबियाई टीम के खिलाफ भी मुश्किलों का सामना कर रहा है, तो प्रोटियाज़ के खिलाफ स्थिति और जटिल हो सकती है।
आगामी दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारतीय टीम को उनकी वास्तविक क्षमता को साबित करने का मौका मिलेगा, खासकर जब अगले आठ महीनों तक कोई अन्य लाल गेंद वाला क्रिकेट निर्धारित नहीं है। ईडन गार्डन्स और बरसापारा स्टेडियम की पिचों के व्यवहार को लेकर अनिश्चितता जरूर बनी हुई है।